दिल्ली सरकार पर एक बार फिर से गंभीर आरोप लग रहे हैं, इस बार 14वीं CAG (कंट्रोलर और ऑडिटर जनरल) रिपोर्ट में एक बड़े स्कैम का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में भारी वित्तीय अनियमितताएं और पैसों की हेराफेरी की गई है। इसके साथ ही, शराब घोटाले के बाद अब शिक्षा क्षेत्र में हुए घोटाले ने सरकार को बड़े विवाद में घेर लिया है। रिपोर्ट में खास तौर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षा मंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को निशाने पर लिया गया है।
14वीं CAG रिपोर्ट में क्या कहा गया?
कंट्रोलर और ऑडिटर जनरल (CAG) की हालिया रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के शिक्षा क्षेत्र में घोटाले का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा विभाग में सरकारी धन का गबन और पैसों का गलत उपयोग किया गया। कई योजनाओं के लिए आवंटित बजट का उपयोग नहीं किया गया और कई अनावश्यक खर्च किए गए। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि शिक्षा के क्षेत्र में किए गए सुधारों का फायदा केवल उन क्षेत्रों तक सीमित रहा, जहां सरकार के करीबी लोग थे।
CAG ने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि दिल्ली के स्कूलों में जो सुधार कार्य किए गए, उन पर सही तरीके से निगरानी नहीं रखी गई, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ। इसके साथ ही, कई योजनाओं के बजट को बड़े पैमाने पर हेरफेर करके निजी कंपनियों और ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया।
शराब घोटाले के बाद शिक्षा घोटाला
शराब घोटाले के बाद, अब शिक्षा क्षेत्र का यह घोटाला दिल्ली सरकार के लिए नया संकट बन गया है। शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया और कई उच्च अधिकारियों का नाम सामने आने के बाद, अब शिक्षा विभाग में पैसों की हेराफेरी की खबरें आ रही हैं। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा सुधारों के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया और सरकारी धन का गलत तरीके से उपयोग किया।
इस मामले में आतिशी और गोपाल राय के नाम भी सामने आ रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दोनों मंत्रियों ने शिक्षा विभाग के बजट का दुरुपयोग किया और ठेकेदारों और निजी कंपनियों के लिए फंड का उपयोग किया, जिनका सरकारी कार्यों से कोई वास्ता नहीं था।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
CAG की रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने दिल्ली सरकार को घेर लिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा विभाग में गड़बड़ी करके लाखों-करोड़ों रुपये का गबन किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि सरकार के मंत्री खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और इनका मुख्य उद्देश्य जनता का धन अपनी निजी स्वार्थ में लगाना है।
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारा किया है। पार्टी का कहना है कि यह रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित है और सरकार पर लग रहे आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। पार्टी का कहना है कि शिक्षा क्षेत्र में दिल्ली सरकार ने अभूतपूर्व काम किए हैं और किसी भी तरह के वित्तीय अनियमितताओं का सवाल नहीं उठता।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार के दावे और विवाद
दिल्ली सरकार के शिक्षा क्षेत्र में सुधार के कई दावे किए गए थे, जिनमें स्कूलों में नई सुविधाएं, स्मार्ट क्लासेस, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षक प्रशिक्षण शामिल थे। हालांकि, अब ये दावे संदिग्ध प्रतीत हो रहे हैं, क्योंकि CAG की रिपोर्ट में वित्तीय हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। दिल्ली सरकार का दावा था कि इन सुधारों से दिल्ली के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी और राज्य के स्कूलों का स्तर सुधरेगा।


