· क्या है मामला?
- दिल्ली की विवादित आबकारी नीति पर CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) ने रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट अब विधानसभा की लोक लेखा समिति (PAC) को सौंपी गई है।
· PAC का काम क्या होगा?
- PAC इस रिपोर्ट की जांच करेगी और देखेगी कि नीति लागू करने में कोई अनियमितता या गड़बड़ी हुई थी या नहीं। जरूरत पड़ने पर आगे की कार्रवाई की सिफारिश भी की जा सकती है।
· क्यों है चर्चा में?
- इस नीति को लेकर पहले से ही विवाद और राजनीतिक बहस हो रही है। विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अब PAC की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।
दिल्ली में आबकारी नीति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हाल ही में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा की लोक लेखा समिति (PAC) को सौंपा गया है। यह रिपोर्ट उस आबकारी नीति से जुड़ी है जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था और जिसे बाद में सरकार ने वापस ले लिया था।
CAG की इस रिपोर्ट में उस नीति के तहत हुए राजस्व और इसके प्रभावों की जांच की गई है। रिपोर्ट में यह देखा गया है कि नीति लागू होने के बाद सरकार को कितना फायदा या नुकसान हुआ और क्या इसमें किसी तरह की अनियमितता थी।
PAC अब इस रिपोर्ट की जांच करेगी और इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। PAC का काम यह देखना है कि क्या नीति में किसी तरह की गड़बड़ी हुई है या नहीं। इसके साथ ही, अगर किसी तरह की अनियमितता पाई जाती है, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की सिफारिश भी की जा सकती है।
आबकारी नीति को लेकर विपक्ष पहले से ही सरकार पर सवाल उठाता रहा है। अब PAC की जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि इस मामले में सच क्या है। सभी की नजरें अब PAC की जांच और इसके नतीजों पर टिकी हैं।


