भारत और मॉरीशस ने अपनी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को और मजबूत करने के लिए 8 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौते दोनों देशों के बीच सहयोग के कई क्षेत्रों को कवर करते हैं, जैसे कि बिलैटरल व्यापार, सुरक्षा, शिक्षा, संस्कृति और विकास परियोजनाएँ। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के नेतृत्व में यह समझौते साइन किए गए, और इसका उद्देश्य दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाना है।
समझौतों का महत्व
इन समझौतों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सामरिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना है। खासकर, विकास परियोजनाओं और संस्कृति के आदान-प्रदान से दोनों देशों को आपस में और नजदीकी से जुड़ने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, मॉरीशस में भारत द्वारा किए गए विकासात्मक परियोजनाओं और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
भारत और मॉरीशस के बीच बढ़ता सहयोग
भारत और मॉरीशस के रिश्ते ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी गहरे रहे हैं। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ सालों में मजबूत व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्ते स्थापित हुए हैं। भारत ने मॉरीशस को एक प्रमुख विकास साझीदार के रूप में देखा है और इस नए समझौते से दोनों देशों के बीच एक मजबूत कूटनीतिक संबंध स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
मुख्य समझौतों पर ध्यान केंद्रित
इन समझौतों में सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा सहयोग और बिलैटरल ट्रेड को बढ़ावा देना है। भारत और मॉरीशस ने समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद से निपटने और सामरिक तैयारियों को लेकर आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। इसके अलावा, शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग और संस्कृति के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के लिए भी नए रास्ते खोले गए हैं।


