जयपुर में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है, जिसमें ‘IIT बाबा’ के नाम से मशहूर व्यक्ति अभय सिंह को पुलिस ने गांजे के साथ गिरफ्तार किया। अभय सिंह, जो खुद को IIT का पूर्व छात्र बताता है, एक समय में अपने नाम और काम से जयपुर में चर्चित था। अब, पुलिस की कार्रवाई ने न केवल उसके पुराने कारनामों को सवालों के घेरे में ला दिया है, बल्कि यह घटना समाज में नशे के कारोबार से जुड़ी चिंताओं को भी उजागर करती है।
IIT बाबा कौन हैं?
अभय सिंह को जयपुर में “IIT बाबा” के नाम से जाना जाता था। वह खुद को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) का पूर्व छात्र बताता था और अपनी बातों में कई बार अपनी शिक्षा और अनुभव का हवाला देता था। उसके कई अनुयायी भी थे, जो उसे एक प्रेरणास्त्रोत मानते थे। हालांकि, अब इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि उसने वाकई IIT से शिक्षा प्राप्त की थी या नहीं। फिर भी, उसकी प्रतिष्ठा और नाम का प्रभाव था।
पुलिस की कार्रवाई
अभय सिंह को पुलिस ने जयपुर के एक प्रमुख इलाके से गिरफ्तार किया। उसके पास गांजे की खेप मिली, जिसे पुलिस ने जब्त किया। पुलिस ने बताया कि अभय सिंह लंबे समय से इस नशीले पदार्थ के कारोबार में शामिल था और उसे कई बार इस संबंध में चेतावनी दी जा चुकी थी। हालांकि, यह पहली बार था जब पुलिस ने उसे पकड़कर उसके पास से गांजा बरामद किया।
पुलिस के अनुसार, अभय सिंह के पास से 500 ग्राम गांजा बरामद किया गया, जो एक बड़ी मात्रा मानी जाती है। इसके अलावा, पुलिस ने उसकी संलिप्तता के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए जांच शुरू कर दी है।
नशे के कारोबार पर बढ़ती चिंता
अभय सिंह की गिरफ्तारी ने एक बार फिर नशे के कारोबार और इसके प्रभाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जयपुर जैसे बड़े शहरों में नशे की लत और इसके कारोबार में तेजी से वृद्धि हो रही है। यह न केवल युवाओं को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इसके कारण समाज में असुरक्षा की भावना भी बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं के बीच नशे का बढ़ता चलन एक गंभीर चिंता का विषय है, और इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
अभय सिंह के भविष्य पर सवाल
अभय सिंह की गिरफ्तारी ने उसके अनुयायियों और समाज के कई वर्गों को चौंका दिया है। उसके बारे में अब तक जो छवि बनी थी, वह अब एक नई परत में ढल चुकी है। अब यह सवाल उठता है कि क्या वह अपनी गलती स्वीकार करेगा या अपने रास्ते पर चलने के बजाय और भी अधिक विवादों में फंस जाएगा।
इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि किसी का नाम, शिक्षा, या प्रतिष्ठा उसे अपराध से नहीं बचा सकती। अभय सिंह जैसे लोगों के उदाहरण से यह सिखने को मिलता है कि अगर व्यक्ति अपने रास्ते से भटकता है, तो उसकी पहचान या प्रसिद्धि उसे सही दिशा में चलने के लिए मजबूर नहीं कर सकती।


