प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 ने देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। हालांकि, इस भव्य आयोजन के दौरान कुछ घटनाओं और व्यवस्थाओं को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए महाकुंभ को ‘एकता का महायज्ञ’ करार दिया है।
विपक्ष के आरोप
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज और नई दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर भगदड़ की घटनाएं हुईं, जिनमें कई लोगों की जान चली गई। विपक्षी दलों ने इन घटनाओं के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि बड़े पैमाने पर प्रचार के बावजूद, सरकार भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त कदम उठाने में विफल रही। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस आयोजन को ‘मृत्यु-कुंभ’ तक कह दिया।
प्रधानमंत्री का प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ब्लॉग के माध्यम से महाकुंभ की सराहना की और इसे ‘एकता का महाकुंभ’ बताया, जहां 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ जुड़ी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की प्रशंसा की और कहा कि शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यदि मां गंगा की आराधना में किसी प्रकार की कमी रह गई हो, तो वे क्षमा प्रार्थी हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का पानी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुरूप है। उन्होंने विपक्ष पर महाकुंभ के बारे में गलत प्रचार करने का आरोप लगाया।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 ने एक ओर जहां देश की सांस्कृतिक एकता और आस्था का प्रतीक बनकर विश्वभर में पहचान बनाई, वहीं दूसरी ओर कुछ घटनाओं और व्यवस्थागत चुनौतियों के कारण विवादों का सामना भी किया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए आयोजन की सफलता और उसकी महत्ता पर जोर दिया है। आवश्यक है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि श्रद्धालुओं का विश्वास बना रहे और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।


