भारतीय छात्रों के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में प्रवेश एक सपने जैसा होता है। जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) में 360 में से 360 अंक प्राप्त करना एक असाधारण उपलब्धि है, लेकिन कुछ छात्रों के लिए यह सिर्फ एक शुरुआत होती है। ऐसे ही एक छात्र हैं, जिन्होंने IIT में प्रवेश प्राप्त करने के बाद अपने प्लेसमेंट को छोड़ दिया और एक नई दिशा में अपने करियर की शुरुआत की।
हम बात कर रहे हैं एक ऐसे युवक की, जिन्होंने JEE में 360 अंक प्राप्त किए थे, और IIT में दाखिला लेने के बावजूद, उन्होंने प्लेसमेंट छोड़ने का निर्णय लिया। इस छात्र ने अपनी कड़ी मेहनत और असाधारण अंक प्राप्त करने के बाद, पारंपरिक करियर की बजाय कुछ नया करने का निर्णय लिया। उनका कहना है कि जीवन में सफलता का मतलब सिर्फ एक अच्छी नौकरी पाना नहीं है, बल्कि वह अपने पैशन को खोजने के लिए कुछ अलग करना चाहते थे।
नई दिशा की ओर कदम:
IIT के प्लेसमेंट से निकलने के बाद, इस छात्र ने अपना ध्यान स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप की ओर लगाया। उन्होंने महसूस किया कि IIT की शिक्षा उन्हें अपनी पहचान बनाने और समाज में बदलाव लाने के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म दे सकती है। इसके बाद उन्होंने एक नई कंपनी शुरू की, जो तकनीकी समाधान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित है। उनका उद्देश्य यह था कि वह तकनीकी नवाचार के जरिए समाज की समस्याओं का हल निकालें।
उनका कहना है, “मैंने अपने पैशन को चुना है। IIT से जो ज्ञान मिला है, उसे मैं समाज के लिए उपयोगी बनाना चाहता हूँ। मेरे लिए सफलता सिर्फ एक बड़ी कंपनी में नौकरी नहीं है, बल्कि मैं चाहता हूं कि मेरा काम लोगों के जीवन में फर्क डाल सके।”
आगे की योजना:
अब इस युवा एंटरप्रेन्योर का उद्देश्य है कि वह अपने स्टार्टअप को एक बड़े स्तर तक ले जाएं। वह चाहते हैं कि उनकी कंपनी तकनीकी क्षेत्र में एक बड़ा नाम बने और समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सके। उनके पास एक स्पष्ट विजन है और वह जानते हैं कि कड़ी मेहनत, समर्पण और सही दिशा में काम करने से वह अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।


